तुला वार्षिक राशिफल 2026: तुला राशि बारह राशियों में सातवीं राशि मानी जाती है और कालपुरुष की कुंडली में यह पेट के हिस्से में स्थित होती है। चित्रा नक्षत्र के आखिरी दो चरण, साथ ही स्वाति और विशाखा नक्षत्र इसके अंतर्गत आते हैं। इस राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो हमारे सौर मंडल का सबसे चमकीला और पृथ्वी के सबसे पास का ग्रह माना जाता है। इस राशि का चिन्ह तराजू है, जिसे पश्चिमी मान्यताओं में ईश्वर के न्याय का प्रतीक माना गया है। इसके रूप सफेद वस्त्र पहने एक व्यक्ति का है, जिसके हाथ में तराजू है।
Read in English - Libra Horoscope 2026
तुला राशि वाले बड़े दिल वाले, विचारशील और व्यापारिक सोच रखने वाले माने जाते हैं। यह राशि धातुओं, राजनीति, अमीर और आधुनिक शहरों, बड़े मेल-बाजार, व्यापारिक केंद्रों, सर्वोच्च न्यायालयों और मनोरंजन स्थलों से जुड़ी मानी जाती है। तुला राशि में जन्म लेने वाले लोग आमतौर पर आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। ये लोग न्यायप्रिय, शांतिप्रिय, हंसमुख, मध्यस्थता में निपुण, सच्चे बुद्धिमान, धार्मिक, सुधारवादी और दार्शनिक प्रवृत्ति के होते हैं।
स्वभाव से थोड़े संकोची भी हो सकते हैं। तुला राशि वाले कला, नृत्य और संगीत के बड़े प्रेमी होते हैं और नाम यश पाने की तीव्र इच्छा रखते हैं। यही कारण है कि इनकी गिनती अच्छे वकीलों, जजों, सलाहकारों, लेखकों, पत्रकारों, संपादकों, कलाकारों, रेडियो-टीवी से जुड़े लोगों, नेवी ऑफिसर या व्यापारिक क्षेत्र के बड़े पदों पर होती है। तुला राशि वाले लोग साझेदारी, ग्रुप बिज़नेस और आयात-निर्यात से जुड़े कामों में अच्छे साबित होते हैं। हालांकि, इन्हें कमर, मूत्र संबंधी और गुदा रोग जैसी परेशानियां हो सकती हैं। साथ ही, इन्हें चापलूस लोगों से हमेशा सावधान रहना चाहिए।
तुला राशि में जन्मे लोग देखने में खूबसूरत होते हैं। ये लोग न्याय और शांति से बहुत प्यार करते हैं और अंदर से बेहद खुशमिजाज रहते हैं। दूसरों के बीच मध्यस्थता में माहिर होते हैं। स्वभाव से आध्यात्मिक, सच्चे, होशियार, धार्मिक और सुधारवादी होते हैं। इनके अंदर दार्शनिक सोच भी होती है लेकिन कई बार थोड़े संकोची भी हो जाते हैं। ये लोग खासतौर पर विपरीत लिंग में बहुत लोकप्रिय रहते हैं।
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तुला राशि वालों की कला, नृत्य और संगीत में गहरी रुचि होती है और इन्हें नाम और शोहरत पाने की तीव्र इच्छा रहती है। यही कारण है कि ये लोग अक्सर वकील, विश्लेषक, जज, सलाहकार, नेवी ऑफिसर, रेडियो, टीवी कलाकार, अभिनेता, लेखक पत्रकार और संपादक जैसे पेशों में सफल होते हैं। कई लोग उत्पादन इकाइयों और बड़े बिज़नेस सर्किल्स में भी उच्च पदों पर पहुंच जाते हैं।
ये लोग साझेदारी, ग्रुप बिज़नेस और आयात-निर्यात से जुड़े कामों में अच्छे माने जाते हैं। लेकिन स्वास्थ्य के मामले में इन्हें कमर, गुप्तांग और मूत्र संबंधित बीमारियों से सावधान रहना चाहिए। साथ ही, इन्हें चापलूस और झूठी तारीफ करने वालों से भी बचकर रहना चाहिए। अगर ग्रहों की स्थिति अनुकूल न हो, तो तुला राशि के लोग छोटे-मोटे कामों में उलझ सकते हैं और कभी-कभी आर्थिक तंगी तक का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग लेकिन और संगीत में बहुत अच्छा करते हैं, वहीं कुछ लोग भोग-विलास और ऐशो- आराम में डूबे रहते हैं। ऐसे भी जातक होते हैं, जो सही रास्ता छोड़कर गलत तरीकों से धन कमाने की कोशिश करते हैं, जिससे उनकी छवि पर असर पड़ता है।
इस वर्ष ग्रहों की बड़ी स्थितियां इस प्रकार रहेंगी- शनि पूरे साल मीन राशि में रहेंगे और आपकी छठे भाव (दुश्मन, रोग और कर्ज) में स्थित रहेंगे। गुरु पहले मिथुन (नौवें भाव) में 02 जून तक रहेंगे। 02 जून से 31 अक्टूबर तक यह कर्क राशि में (दसवें भाव) में रहेंगे। 31 अक्टूबर से साल के अंत तक गुरु सिंह राशि (ग्यारहवें भाव) में आ जाएंगे। राहु पूरे साल अधिकतर समय कुंभ राशि में रहेंगे, लेकिन 05 दिसंबर को यह चौथे भाव (घर-परिवार, वाहन, संपत्ति) में प्रवेश करेंगे। केतु सिंह राशि में रहेंगे और 05 दिसंबर को यह दसवें भाव (कर्म और करियर) में प्रवेश करेंगे।
साल के पहले हिस्से में यानी 02 जून तक गुरु अपनी सातवीं दृष्टि से आपके तीसरे भाव (धनु राशि) को देखेंगे और इसी समय शनि भी अपनी दसवीं दृष्टि से तीसरे भाव को देखेंगे। इसका मतलब यह हुआ कि इस दौरान आपके तीसरे भाव पर डबल ट्रांजिट एक्टिवेशन रहेगा। इसका प्रभाव यह होगा कि आपकी वाणी और बातचीत की ताकत बहुत प्रभावशाली रहेगी।
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तुला राशि के जातक जो काउंसलिंग, पत्रकारिता, मीडिया या किसी भी तरह के जनसंपर्क कार्य से जुड़े हैं, उनके लिए यह समय विशेष रूप से लाभदायक रहेगा। बार-बार तीसरे भाव के सक्रिय होने से छोटी यात्राओं के योग भी बनेंगे और आपके छोटे भाई-बहनों के जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बहुत छोटे बच्चों के लिए यह समय घर में किसी नए भाई या बहन के आगमन की संभावना भी दिखा रहा है।
गुरु तुला राशि वालों के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और इस समय यह नौवें भाव (भाग्य भाव) तुला वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, में स्थित रहेगा। नौवें भाव स्वयं में धर्म , अध्यात्म और भाग्य से जुड़ा होता है और गुरु का यहां होना आपके लिए बहुत शुभ है। यह समय आपको धार्मिक प्रवृत्तियां की ओर प्रेरित करेगा और आपके अंदर पूजा-पाठ व अध्यात्म के प्रति झुकाव बढ़ेगा। आपको पिता, गुरु और मार्गदर्शकों मिलेगा और धार्मिक यात्राओं या तीर्थ यात्राओं के योग भी प्रबल रहेंगे। तीसरे भाव के स्वामी होने के नाते गुरु संकेत करता है कि आपके भाई-बहनों के साथ अच्छे रिश्ते आपके जीवन में भाग्यवृद्धि करेंगे।
आपके भाई-बहन या कज़िन भी आपकी धार्मिक या आध्यात्मिक यात्राओं में आपके साथी बन सकते हैं। साथ ही छठे भाव के स्वामी होकर नौवें भाव में स्थित गुरु आपको बहुत अनुशासित और नियमित पूजा-पाठ करने वाला बनाएगा। हालांकि इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी हो सकते हैं।
तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और शुक्र व गुरु आपस में शत्रु ग्रह माने जाते हैं। इस वजह से आपके पिता की सेहत पर असर पड़ सकता है। पिता को कर्ज, शत्रुओं या विरोधियों से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। कभी-कभी उनके सम्मान या छवि पर भी आंच आ सकती है। इसलिए तुला राशि के जातकों को इस वर्ष पिता की सेहत और सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और संभव हो तो उनके लिए समय-समय पर धार्मिक उपाय भी करते रहना चाहिए।
नौवें भाव से गुरु आपकी लग्न, तीसरे भाव और पांचवे भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। लग्न पर इसकी दृष्टि आपके व्यक्तित्व में परिपक्कता और बदलाव लेकर आएगी और आपको एक तरह की दैवीय कृपा का अनुभव होगा। तीसरे भाव पर दृष्टि से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा, आपकी बातचीत और कम्युनिकेशन स्किल और मजबूत होगी। साथ ही, छोटे भाई-बहनों से रिश्ते और मधुर होंगे। वहीं पाँचवें भाव पर गुरु की नवमी दृष्टि विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। इसका असर यह होगा कि जो लोग संतान सुख चाहते हैं, उनके लिए अच्छे समाचार आ सकते हैं।
प्रेम संबंधों में भी सकारात्मक बदलाव होंगे और तुला राशि के छात्रों को पढ़ाई में लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर यह समय आपके लिए भाग्य वृद्धि और प्रगति देने वाला होगा, बस आपको निरंतर मेहनत और अनुशासन बनाए रखना होगा। 02 जून 2026 के बाद गुरु आपके दसवें भाव में प्रवेश करेंगे। जैसे ही गुरु यहां आएगा, आपका पूरा ध्यान करियर और काम पर केंद्रित हो जाएगा। यह समय आपके व्यवसाय और नौकरी में तरक्की के नए मौके लाएगा और समाज में आपकी पहचान और प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा।
कालपुरुष कुंडली के अनुसार, दसवें भाव में मकर राशि होती है और कई लोग मानते हैं कि यहां गुरु कमजोर माना जाता है। लेकिन तुला राशि वालों के लिए यह स्थिति विशेष मानी जाती है क्योंकि यहां गुरु उच्च हो जाता है। हालांकि ध्यान रखने वाली बात यह है कि गुरु तुला लग्न के स्वामी शुक्र का शत्रु ग्रह है इसलिए सब कुछ बहुत आसान नहीं होगा। आपको लगातार मेहनत करनी होगी और यदि दशा दशा-भुक्ति अनुकूल न हो तो कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। फिर भी, यह स्थिति आपको भाग्य, सफलता और उच्च अधिकारियों का सम्मान दिलाने में मदद करेगी।
गुरु दशम भाव से अपनी दृष्टियों से भी कई क्षेत्रों को प्रभावित करेगा। इसकी पंचम दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ेगी, जिससे परिवार में सुख-शांति, पारिवारिक मूल्यों में वृद्धि और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसकी सातवीं दृष्टि आपके चौथे भाव और अपने ही स्वगृही धनु राशि पर पड़ेगी, जिससे घर-परिवार में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी, अचल संपत्ति या रियल एस्टेट में लाभ मिलेगा और घरेलू जीवन खुशहाल रहेगा। गुरु की नवमी दृष्टि आपके छठे भाव पर पड़ेगी, जिससे कर्ज के योग बनेंगे लेकिन वे सही और आवश्यक कारणों से होंगे।
यदि आप पहले से किसी बीमारी या स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं तो इस अवधि में राहत और स्वास्थ्य सुधार के योग बनेंगे। अब बात करें शनि की, तो शनि तुला राशि के लिए बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि यह आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी होकर योगकारक ग्रह बनता है। पूरे साल शनि आपकी कुंडली के छठे भाव (शत्रु, ऋण और रोग भाव) में मीन राशि में स्थित होंगे। इस दौरान आपके रिश्तों, करियर और जीवनशैली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे।
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करियर और प्रोफेशनल जीवन में स्थिरता और उन्नति होगी। शनि आपकी एकाग्रता और मेहनत करने की क्षमता को बढ़ाएगा, जिससे यह समय खासतौर पर उन छात्रों के लिए बहुत अच्छा है, जो सरकारी नौकरी या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, यह स्थिति आपकी कुंडली में शत्रुहंता योग बनाती है, यानी यह समय आपके विरोधियों और बाधाओं को खत्म करके आपको सफलता दिलाने वाला होगा।
इस गोचर के दौरान आपको अपने पुराने कानूनी मामलों या मुश्किलों में धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम मिलने लगेंगे। लेकिन परिवार से जुड़ी जमीन जायदाद या प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी हो सकते हैं, जिनको बहुत समझदारी से संभालने की जरूरत होगी। जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उनके रिश्ते में तनाव पैदा हो सकता है। अगर रिश्ते में ईमानदारी और सच्चाई की कमी रही, तो अलगाव या ब्रेकअप तक की स्थिति बन सकती है। वहीं, माता-पिता को भी अपने बच्चों से मतभेद, झगड़े या उनकी सेहत की वजह से परेशानी हो सकती है।
शनि का यह गोचर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित होगा क्योंकि यह आपको स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेगा और रोजाना की दिनचर्या में अनुशासन बनाए रखने में मदद करेगा। शनि की तीसरी दृष्टि आपके आठवें भाव पर पड़ेगी, जिससे जीवनसाथी के साथ मिलकर बने धन में सुधार होगा और धीरे-धीरे जीवन की अनिश्चितताओं व अचानक आने वाली बाधाएं कम होंगी। इनकी सातवीं दृष्टि आपके बारहवें भाव पर रहेगी, जिससे विदेश यात्रा के योग बनेंगे। लेकिन अगर आप सेहत को नज़रअंदाज़ करेंगे तो अस्पताल में भर्ती होने या बंधन जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
शनि की दसवीं दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ेगी, जिससे आपकी बातचीत और अभिव्यक्ति की कला और मजबूत होगी। आप पहले से ज्यादा परिपक्व होकर अपनी बात रखने लगेंगे। यह आपकी आत्मविश्वास और हिम्मत को भी बढ़ाएगा, खासकर साल के पहले हिस्से में। लेकिन अगर दशा-भुक्ति अनुकूल न रही, तो आपको व्यक्तिगत परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं और छोटे भाई-बहनों के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है।
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तुला वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, साल के पहले हिस्से में जब बृहस्पति आपकी नौवें भाव में रहेंगे, तो यह समय आपको काम के सिलसिले में दूर-दराज की यात्राएं करवाएगा। इस दौरान आपके रहने की जगह बदलने की संभावना भी बन सकती है। लेकिन 02 जून 2026 के बाद जैसे ही बृहस्पति आपके दसवें भाव (कर्म भाव) में प्रवेश करेंगे, आपका पूरा ध्यान करियर और काम पर केंद्रित हो जाएगा।
यह समय आपके लिए प्रोफेशनल ग्रोथ लाने वाला साबित होगा। चाहे आप नौकरी करते हों या व्यवसाय में हों, आपके लिए नए अवसर खुलेंगे और कार्यस्थल व समाज में आपकी इज़्ज़त और पहचान बढ़ेगी। काल पुरुष कुंडली के अनुसार, दशम भाव में मकर राशि होती है और यहां गुरु को कमजोर (नीच) माना जाता है। कई लोग मानते हैं कि इस वजह से गुरु यहां उतना शुभ परिणाम नहीं देता। लेकिन तुला राशि के लिए स्थिति थोड़ी अलग है।
गुरु ज्ञान का ग्रह है और तुला राशि के स्वामी शुक्र का शत्रु ग्रह भी है, इसलिए यहां परिणाम सीधे-सीधे आसान नहीं मिलेंगे। आपको लगातार मेहनत और धैर्य बनाए रखना होगा। अगर आपकी दशा-भुक्ति अनुकूल न रही तो करियर में चुनौतियां आ सकती हैं। फिर भी, अंततः गुरु का दशम भाव में होना आपके करियर को स्थिरता, सफलता और भाग्य का साथ देगा। यह आपके उच्च अधिकारियों की नजरों में आपको सम्मान दिलाएगा और आपके काम की सराहना होगी।
कुल मिलाकर, 2026 का साल तुला राशि वालों के करियर में नई दिशा और तरक्की लेकर आएगा, बस मेहनत और निरंतरता बनाए रखना ज़रूरी है।
तुला वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, केतु का ग्यारहवें भाव में गोचर काफी अनिश्चित और उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। यह समय कैसा रहेगा, यह पूरी तरह से आपकी दशा-भुक्ति पर निर्भर करेगा। हो सकता है आपको आर्थिक लाभ मिले, लेकिन उससे संतुष्टि नहीं मिले। चूंकि इस समय केतु आपकी ग्यारहवीं भाव में है, इसलिए आप रिस्क लेने की प्रवृत्ति ज्यादा दिखा सकते हैं। ऐसे में यह समय बड़े निवेश करने या किसी तरह का बड़ा आर्थिक जोखिम उठाने के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है।
जरा सी गलती आपके निवेश, धन और मानसिक शांति तीनों को प्रभावित कर सकती है। इसलिए आपको इस साल संपत्ति और पैसों से जुड़े फैसले में बहुत सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। हालांकि, साल के दूसरे हिस्से में बृहस्पति की दृष्टि आपके दूसरे भाव पड़ेगी, जिससे आपकी बैंक बैलेंस में वृद्धि होगी और बचत करने की क्षमता भी बढ़ेगी। यानी साल के आखिर तक आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर हो जाएगी।
तुला वार्षिक राशिफल के अनुसार, राहु आपके पांचवें भाव में स्थित रहेंगे। इसका स्थान कुंभ राशि में हैं, जो आपको लाभ पहुंचाएगा। लेकिन पढ़ाई में सफलता पाने के लिए आपको इस साल बहुत अधिक मेहनत और लगन से काम करना होगा। अगर आपकी दशा अनुकूल नहीं रही तो पढ़ाई में मन भटक सकता है और तरह-तरह के डिस्ट्रैक्शन सामने आएंगे। इस साल स्व-अध्ययन पर विशेष ध्यान रहेगा। आप खुद पढ़ने-समझने की आदत विकसित करेंगे। जैसे शैक्षिक यूट्यूब वीडियो देखना, ऑनलाइन कोर्स करना या विषय से जुड़े कोर्स में दाखिला लेना। इससे आपको नई चीजें सीखने का अवसर मिलेगा।
बृहस्पति की पांचवें भाव पर दृष्टि होने से इस साल आपको विदेश से जुड़े किसी गुरु या शिक्षक का मार्गदर्शन भी मिल सकता है। इसके साथ ही, बृहस्पति का नवम भाव (उच्च शिक्षा का भाव) में होना तुला राशि के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के लिहाज से बहुत शुभ है। हालांकि कभी-कभी तुला राशि के छात्र को आलस्य या उत्साह की कमी महसूस होगी, जिससे ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत आ सकती है। ऐसे समय में आपको सलाह दी जाती है कि आप हर शुक्रवार को मां सरस्वती की पूजा करें, इससे पढ़ाई में मन लगेगा और ज्ञान प्राप्ति में सहूलियत होगी।
तुला वार्षिक राशिफल के अनुसार, इस साल आपका परिवार जीवन सुखद और खुशहाल रहेगा। हालांकि, फरवरी महीने में घर परिवार में थोड़ी उदासी या निराशा का माहौल बन सकता है, लेकिन बृहस्पति की स्थिति आपको इस समय खुशियों से घेर लेगी और नकारात्मकता को दूर करेगी। इस साल आप अपने परिवार के साथ धार्मिक यात्राएं या तीर्थयात्राएं कर सकते हैं और कुछ लंबी दूरी की यात्राएं भी संभव हैं।
साल के पहले भाग में बृहस्पति की पंचम भाव पर दृष्टि होने से परिवार में वृद्धि और संतान सुख की संभावनाएं प्रबल रहेंगी। यह राहु से जुड़ी संतान संबंधी चिंताओं को भी कम करेगा। वहीं, बृहस्पति की चौथे भाव पर दृष्टि और बाद के समय में दूसरे भाव (परिवार व धन) पर प्रभाव आपके पारिवारिक जीवन के लिए बहुत शुभ साबित होगी। इस सकारात्मक ऊर्जा के चलते घर में मंगलकारी और शुभ कार्य होंगे। जैसे पारिवारिक पूजा, समारोह, नया घर या वाहन खरीदना आदि।
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तुला वार्षिक राशिफल के अनुसार, इस साल तुला राशि के जातकों के लिए प्रेम संबंध थोड़े चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं। इसका कारण राहु का प्रभाव है, जो धोखा, बेवफाई और गलतफहमियों का कारक माना जाता है। इसलिए जो लोग पहले से किसी रिलेशनशिप में हैं, उन्हें बहुत सतर्क रहने की ज़रूरत है, क्योंकि प्यार के नाम पर धोखे की संभावना रहेगी। हालांकि, राहु विदेशी संस्कृति और मान्यताओं का भी प्रतीक है, इसलिए इस साल किसी अलग धर्म या संस्कृति के व्यक्ति से प्रेम संबंध बनने की भी प्रबल संभावना है।
आपके पंचम भाव के स्वामी शनि का षष्ठ भाव में गोचर यह संकेत देता है कि पति-पत्नी के बीच मतभेद या तकरार हो सकती है। लेकिन अगर आप विवाहित हैं, तो आपके पास अपने जीवनसाथी के साथ रिश्ते को मजबूत करने के कई मौके भी मिलेंगे। इस दौरान आपका रिश्ता प्यार और गहराई से भरा रहेगा और आप दोनों के बीच एक मजबूत जुड़ाव बनेगा
मार्च से जून के बीच अपने साथी से बहन या झगड़े से बचें। इस समय आपके जीवनसाथी की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं, खासकर व्यस्त दिनचर्या और वजन से। इसलिए सलाह दी जाती है कि आप अपने साथी का ख्याल रखें, उन्हें स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें और साथ में व्यायाम या शारीरिक गतिविधियां करें।
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें पांच लाल गुलाब के फूल भेंट करें।
प्रतिदिन शुक्र की होरा के दौरान शुक्र मंत्र का जाप या मनन करें।
शुक्र से सौभाग्य प्राप्त करने के लिए अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठिका उंगली में सोने में जड़ा उच्च गुणवत्ता वाला हीरा या ओपल रत्न धारण करें।
अपने शयनकक्ष में गुलाबी क्वार्ट्ज रत्न रखें।
सुगंधित वातावरण बनाए रखें।
अपनी राशि अनुसार पढ़ें, सबसे सटीक अपना आज का राशिफल
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। MyKundali के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
1. तुला राशि का स्वामी ग्रह कौन सा है?
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है।
2. 2026 में तुला राशि के जातकों का करियर कैसे आगे बढ़ेगा?
वर्ष के पूर्वार्ध में, आप काम के सिलसिले में यात्रा कर सकते हैं, लेकिन जून के बाद, दशम भाव में बृहस्पति करियर में उन्नति, पहचान और नए अवसर प्रदान करेगा।
3. कौन सा रत्न शुक्र से सौभाग्य आकर्षित करता है?
अपने दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली में सोने में जड़ा उच्च गुणवत्ता वाला हीरा या ओपल पहनें।
4. तुला राशि के जातकों को अपने शयनकक्ष में कौन सा क्रिस्टल रखना चाहिए?
अपने शयनकक्ष में गुलाबी क्वार्ट्ज़ पत्थर रखें।