कन्या वार्षिक राशिफल 2026: कन्या राशि चक्र की बारह राशियों में छठी राशि है। यह पृथ्वी से लगभग 12 डिग्री उत्तर की ओर भूमध्य रेखा के पास स्थित होती है। इस राशि के अंतर्गत उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र , हस्त और आधा चित्र नक्षत्र आता है। यही कारण है कि इस राशि के जातकों में स्वभाव और गुणों की विविधता देखने को मिलती है। इस राशि के स्वामी ग्रह बुध है और इसका प्रतीक एक कुंवारी कन्या है। यह राशि प्रेम, पवित्रता, शुद्ध भावनाओं और गहरी बुद्धिमत्ता का प्रतीक मानी जाती है। कन्या राशि वाले व्यक्ति अपने जीवन में व्यावहारिकता और विवेक का ज्यादा उपयोग करते हैं।
Read in English - Virgo Horoscope 2026
शारीरिक दृष्टि से यह राशि कमर, पेट और आंतों से जुड़ी होती है। इस वजह से इस राशि के लोगों में अक्सर पाचन से संबंधित परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। सामाजिक और सामूहिक जीवन में कन्या राशि का संबंध सेवा और जनकल्याण से है। इस राशि के लोग आम तौर पर स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य, व्यापार, लेखा-जोखा ऑडिटिंग, निरीक्षण, प्रिंटिंग, एडिटिंग, लेखन और पब्लिक वेलफेयर जैसे क्षेत्रों से जुड़े होते हैं। ये लोग समाज के लिए उपयोगी और सेवा भाव से प्रेरित कार्य करने में विश्वास रखते हैं। कन्या राशि के जातक का स्वभाव पढ़ाई-लिखाई और ज्ञान की ओर झुकाव होता है।
इनमें से कई लोग श्यामवर्णी होते हैं। शरीर कोमल होता है और स्वभाव थोड़ा शर्मिला भी हो सकता है। ये लोग मधुरभाषी, धैर्यवान और विचारशील होते हैं। इनकी स्मरण शक्ति तेज होती है और यह सोच-समझकर निर्णय लेने में विश्वास रखते हैं। साहित्य, अध्यापन, मनोविज्ञान, गणित और पैरा-साइकोलॉजी जैसे विषयों से इनका गहरा जुड़ाव रहता है।
कन्या राशि के लोग अलग-अलग पेशों में देखे जाते हैं। इनमें से कई हस्तकला में निपुण होते हैं, तो कुछ बिक्री, एजेंट, ब्रोकर, सचिव, स्टेनोग्राफर और चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत रहते हैं। अधिकतर लोग लेखन, पत्रकारिता, शोध कार्य गणित, ज्योतिष और आधुनिक विज्ञानों में भी विशेषज्ञ होते हैं। कुल मिलाकर, कन्या राशि के जातक मेहनती, बुद्धिमान और समाज के लिए उपयोगी कार्य करने वाले होते हैं।
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कन्या राशि के जातक शिक्षा के क्षेत्र में गहरी रुचि रखते हैं। इन्हें अक्सर परिवार और कुल की जिम्मेदारियों का बोझ महसूस होता है। इनका जीवन अनुशासित रहता है। जवानी के दिनों में ये लोग बहुत बोलने वाले होते हैं, लेकिन इनकी बातें किसी को बुरी नहीं लगतीं। ये अपनी चीजों का विशेष ध्यान रखते हैं और सामान्य रूप से जीवन में प्रसन्न और संतुष्ट रहते हैं। कई बार इन्हें अपने जन्मस्थान से दूर ही जीवन का अधिकांश समय बिताना पड़ता है।
कुछ जातक ऊंचे पद तक पहुंचते हैं, विवाह देर से करते हैं या संतान सुख देर से प्राप्त करते हैं। इनकी शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है और बाहर से देखने पर इनका जीवन सुखी, समृद्ध और प्रगतिशील प्रतीत होता है। सामान्य कन्या राशि में जन्मे जातक विद्वान होते हैं। ये उच्च शिक्षा की आकांक्षा रखते हैं, कला, सौंदर्य और हास्य के शौकीन होते हैं। ये तर्क करने में निपुण, अच्छे वक्ता और सामान्यतः बौद्धिक स्तर पर अपनी आजीविका कमाने वाले होते हैं।
हालांकि, इन्हें माता-पिता का सुख पूर्ण रूप से कम ही मिल पाता है। घरेलू मामलों में ये थोड़े उदासीन रहते हैं, लेकिन जिम्मेदारियों को निभाने में दक्ष माने जाते हैं। कन्या राशि के जातक अक्सर सामाजिक कार्यों में रुचि रखते हैं। ये छोटे संगठनों में अधिकारी बनकर सेवा करते हैं। विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण होने के बावजूद ये अपनी गरिमा से कभी समझौता नहीं करते। ये लोग अक्सर कोई विशेष कौशलपूर्ण कार्य करते हैं, जिसके कारण कभी-कभी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय स्तर पर इन्हें पहचान भी मिलती है। खासकर हस्त नक्षत्र के जातक हस्तकला या मैनुअल वर्क (हाथ से किए जाने वाले काम) में दक्ष और प्रवीण माने जाते हैं। जीवन का उत्तरार्ध इनका आराम और संतोष में बीतता है।
शनि पूरे वर्ष मीन राशि में, आपके सातवें भाव में रहेगा। बृहस्पति कई राशियों में भ्रमण करेंगे। वर्ष की शुरुआत में यह मिथुन राशि (दसवें भाव) में रहेंगे और 02 जून तक यहीं स्थिति रहेंगे। इसके बाद 02 जून से 31 अक्टूबर तक यह कर्क राशि (ग्यारहवें भाव) में रहेंगे। फिर 31 अक्टूबर से वर्ष के अंत तक यह सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। राहु अधिकतर वर्ष कुंभ राशि (छठे भाव) में रहेंगे और 05 दिसंबर को यह आपके पांचवें भाव में प्रवेश करेंगे। केतु सिंह राशि में रहेंगे और 05 दिसंबर को कर्क राशि (ग्यारहवें भाव) में प्रवेश कर जाएंगे।
वर्ष के पहले आधे हिस्से में यानी 02 जून तक बृहस्पति अपनी सातवीं दृष्टि से आपके चौथे भाव पर दृष्टि डालेंगे। इसी समय शनि भी अपनी दसवीं दृष्टि से उसी चौथे भाव को देखेगा। इस तरह से चौथे भाव पर डबल ट्रांज़िट एक्टिवेशन बनेगा। बाद में, 31 अक्टूबर के बाद बृहस्पति सिंह राशि से अपनी पांचवी दृष्टि से आपके पांचवें भाव को फिर से सक्रिय करेगा। इस तरह बार-बार चौथे भाव पर पड़ने वाली दृष्टि इस वर्ष आपके लिए घर, परिवार और सुख-शांति से जुड़े विशेष रूप से महत्वपूर्ण बना देगी।
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कन्या राशि के जातकों को इस वर्ष अपने घरेलू जीवन और पेशेवर जीवन के बीच तालमेल बैठाना होगा। बृहस्पति के दसवें भाव में स्थित होने के कारण आपके करियर में ढेर सारे अवसर आएंगे। वहीं दूसरी ओर चौथे भाव के सक्रिय होने की वजह से घर-परिवार की जिम्मेदारियां, नया घर खरीदना, पुराने घर की मरम्मत करवाना या नया वाहन लेने जैसी बातें भी आपके जीवन का हिस्सा बन सकती हैं।
कन्या राशि वालों के लिए यह ख़ास है कि इस वर्ष बृहस्पति आपके केंद्र भाव में बैठा है। यह स्थिति आपके करियर पर गहरा असर डालेगी और सीधे शब्दों में कहें तो करियर विस्तार सुनिश्चित करेगी। आपके लिए बृहस्पति का दसवें भाव में होना किसी आशीर्वाद से कम नहीं है। यह आपकी सामाजिक और पेशेवर पहचान को मजबूत करेगा और आपके कार्यक्षेत्र में नए अवसर लेकर आएगा। चाहे नौकरी हो या व्यापार दोनों में तरक्की के अवसर मिलेंगे। रियल एस्टेट (भूमि-भवन संबंधी कार्य) से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय शुभ है क्योंकि बृहस्पति चौथे और सातवें भाव के स्वामी होकर दसवें भाव से गोचर कर रहा है, इसलिए आपके जीवनसाथी और माता की राय और सलाह आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
काल पुरुष कुंडली के अनुसार, दसवें भाव मकर राशि का होता है, जहां बृहस्पति नीच का होता है। इस कारण कई लोग इसे कम अनुकूल मानते हैं। लेकिन बृहस्पति ज्ञान के कारक हैं और कन्या राशि वालों के लिए इसका अर्थ है कि सफलता आसानी से नहीं मिलेगी। आपको आपको लगातार मेहनत करनी होगी। हालांकि, यही प्रयास अंततः आपको सफलता, समृद्धि, सौभाग्य और उच्च अधिकारियों व बॉस की सराहना दिलाएगा। बृहस्पति अपनी पांचवीं दृष्टि से आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेंगे, जिससे परिवार में विस्तार, परिवार की मर्यादाओं का पालन और बैंक बैलेंस में वृद्धि होगी।
सातवीं दृष्टि से बृहस्पति अपने ही धनु राशि को देखेगा, जिससे घर में सुख-सुविधाएं और पारिवारिक आनंद मिलेगा। अंत में, नौवीं दृष्टि से यह छठे भाव को देखेंगे, जिससे ऋण या कर्ज़ में वृद्धि की संभावना रहेगी, लेकिन यह वृद्धि किसी शुभ कारण से होगी। साथ ही यदि आप लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे तो इस अवधि में राहत और स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
02 जून के बाद जब बृहस्पति आपकी ग्यारहवें भाव में प्रवेश करेंगे, तो इसका असर आपकी सोशल लाइफ, दोस्ती,आमदनी, वित्तीय लाभ और निवेश पर पड़ेगा। चूंकि बृहस्पति आपकी पांचवीं और आठवीं भाव के स्वामी है इसलिए यह आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है। ग्यारहवें भाव में इसकी स्थिति आपके दोस्तों का दायरा बढ़ाएगी, आर्थिक मौके मजबूत करेगी और रिश्तों की गहराई समझने में मदद करेगी। इस समय आपको यह भी समझ में आएगी कि असली दोस्त कौन हैं और किनसे दूरी बनाए रखना ही बेहतर है। आपकी वित्तीय स्थिति पहले से बेहतर होगी, खासकर पुराने निवेशों से फायदा मिल सकता है। इस दौरान वेतन में बढ़ोतरी या लंबे समय से रुका हुआ प्रमोशन मिलने के योग भी बनते हैं। आपके दोस्तों और सामाजिक दायरे से आपको सहयोग, मार्गदर्शन और हौसला मिलेगा।
यह समय नए स्रोतों से कमाई के लिए भी शुभ है और नए प्रोफेशनल कॉन्टैक्ट बनाने का सही समय है। कुछ मिलाकर, बृहस्पति का यह गोचर आपकी पुरानी इच्छाओं और सपनों को पूरा करने मददगार होगा। बृहस्पति की पांचवीं दृष्टि आपके तीसरे भाव पर पड़ेगी, जिससे भाई-बहनों, पड़ोसियों, संवाद और छोटी यात्राओं से जुड़े मामलों में संतोष और प्रगति होगी। इसकी सातवीं दृष्टि आपके पांचवें भाव पर पड़ेगी, जिससे संतान सुख से जुड़े मामलों में लाभ होगा और गर्भधारण की अड़चनें दूर हो सकती हैं। वहीं, इसकी नौवीं दृष्टि आपके सातवें भाव पर पड़ेगी, जिससे विवाह के लिए अच्छे अवसर सामने आएंगे।
अब बात करते हैं शनि की, जो कन्या राशि के जातकों के पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं। इस साल शनि आपकी सातवीं भाव (मीन राशि) में गोचर करेगा। यह स्थिति संबंधों, साझेदारी और नौकरी की स्थिरता में बड़े बदलाव लाएगी। प्रेम संबंधों में गंभीरता बढ़ेगी और कई लोग शादी पर विचार कर सकते हैं। विवाहित लोग अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर दूसरों की मदद करेंगे और जिम्मेदारियों को साथ निभाकर रिश्ते को और मजबूत बनाएंगे। यह समय प्रोफेशनल पार्टनरशिप, जॉइंट वेंचर्स और सहयोग के लिए भी बहुत अच्छा है। दुश्मनों या प्रतिस्पर्धियों से नए झगड़े शुरू करने की बजाय पुराने मसले सुलझेंगे, जिससे ऑफिस में आपकी इमेज और मजबूत होगी। कन्या राशि के छात्रों के लिए भी यह समय शुभ है। उन्हें पढ़ाई में ज्यादा आत्मविश्वास और स्पष्टता मिलेगी। शनि की तीसरी दृष्टि आपके नौवें भाव पर पड़ेगी, जिससे पिता से मतभेद हो सकते हैं या नौकरी में बदलाव की स्थिति बन सकती है।
कुछ लोग आध्यात्मिक यात्रा करेंगे, वहीं कुछ को अनचाही लंबी यात्राओं का सामना भी करना पड़ सकता है। शनि का असर आपके लग्न पर भी होगा, जिससे स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही नुकसान कर सकती है। लेकिन सकारात्मक पक्ष यह है कि यह गोचर आपके व्यक्तित्व को परिपक्व, अनुशासित और जिम्मेदार बनाएगा। शनि की दसवीं दृष्टि आपके चौथे भाव पर पड़ेगी, जो कि जमीन-जायदाद, घर और वाहन से जुड़ी बातों के लिए लाभदायक है। इस समय आप नया घर खरीद सकते हैं, वाहन ले सकते हैं या प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, शनि का यह गोचर आपके निजी और प्रोफेशनल जीवन दोनों पर गहरा प्रभाव डालेगा। अगर आप धैर्य, अनुशासन और मेहनत को अपनाते हैं, तो यह समय आपको भविष्य के लिए मजबूत नींव बनाने का मौका देगा।
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कन्या वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, बृहस्पति आपके दसवें भाव में विराजमान रहेंगे। इसका असर यह होगा कि आपका पूरा ध्यान करियर पर होगा। आसान भाषा में कहें तो आपके करियर में विस्तार और तरक्की पक्की है। दसवें भाव में बृहस्पति का होना आपके लिए एक आशीर्वाद जैसा है। यह आपको समाज और कार्यक्षेत्र में पहचान दिलाएगा और नई- नई प्रोफेशनल अवसर प्रदान करेगा, चाहे आप नौकरी में हों या बिज़नेस में। जो लोग रियल एस्टेट के क्षेत्र से जुड़े हैं, उनके लिए यह समय नया काम शुरू करने और आर्थिक लाभ कमाने का भी हो सकता है। क्योंकि बृहस्पति आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी हैं, इसका दसवें भाव में होना यह दर्शाता है कि प्रोफेशनल पार्टनरशिप के लिए यह समय शुभ है।
इसे और मजबूत बनाता है शनि का सातवें भाव में होना। शनि की यह स्थिति दर्शाती है कि सहयोग और साझेदारी के लिए समय बेहद अनुकूल है। यानी यह आपके लिए प्रोफेशनल एसोसिएशन बनाने का सुनहरा समय है। हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि अपने बिज़नेस पार्टनर्स के साथ बातचीत साफ-साफ रखें और विचारों व फैसलों पर दृढ़ रहें। क्योंकि शनि का सातवें भाव में होना कई बार रिश्तों में रुखापन और समझ की कमी भी पैदा कर सकता है, जिसे संभालना जरूरी है।
आगे बढ़ते हुए राहु का छठे भाव में होना नौकरी या सर्विस से जुड़े लोगों को अपने लक्ष्य और सफलता को लेकर बेहद जुनूनी बना देगा। इसके अलावा, इस समय विदेश से भी कुछ नए अवसर मिलने की संभावना है।
कन्या वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, आपके लिए वित्तीय दृष्टि से बहुत ही अनुकूल रहेगा। साल के पहले भाग में यानी 02 जून तक बृहस्पति दसवें भाव में विराजमान रहेगा और आपके द्वितीय भाव पर दृष्टि डालेगा। इसका सीधा असर यह होगा कि आपकी बैंक बैलेंस और बचत में वृद्धि होगी। वहीं साल के दूसरे भाग में, 02 जून के बाद, बृहस्पति आपके एकादश भाव में प्रवेश करेगा, जो निवेश, आर्थिक लाभ और वेतन वृद्धि के लिहाज से आपके लिए बेहद शुभ साबित होगा। जून और जुलाई का महीना खासतौर पर आपके लिए निवेश करने या पुराने निवेश से लाभ कमाने के लिहाज से अत्यंत शुभ रहेगा।
इस दौरान बुध (जो लग्नेश है) और शुक्र जैसे ग्रह भी आपके एकादश भाव से गोचर करेंगे। इन ग्रहों का यह संयोग आपको धन वृद्धि के अच्छे अवसर देगा। हालांकि, इस समय आप शुभ कार्यों जैसे नया घर खरीदने, नया वाहन लेने या अन्य किसी मांगलिक काम पर भी धन खर्च कर सकते हैं। साल के पहले हिस्से में बृहस्पति की नौवीं दृष्टि आपके छठे भाव पर पड़ रही है। इससे आपके ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है, लेकिन यह अच्छे कारणों से होगा जैसे पढ़ाई, घर या ज़रूरी निवेश। इसके साथ ही राहु भी छठे भाव में उपस्थित रहेगा। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि इस समय किसी को ऋण न दें और न ही किसी से ऋण लें, क्योंकि धोखाधड़ी या हानि होने की संभावना अधिक है।
कन्या वार्षिक राशिफल 2026 के अनुसार, यह अवधि बेहद शुभ रहेगी। खासतौर पर वे विद्यार्थी जो विदेश जाकर मास्टर्स या डॉक्टरेट की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए यह साल बहुत अच्छे अवसर लेकर आएगा। हालांकि, चूंकि शनि आपकी पांचवी भाव के स्वामी हैं, इसलिए आपको निरंतर मेहनत करनी होगी और पढ़ाई में पूरी लगन दिखानी होगी। वहीं, बृहस्पति का केंद्र भाव में होना आपको सही मार्गदर्शन देगा आपकी उलझनों को दूर करेगा और आपके लक्ष्यों को और स्पष्ट बनाएगा।
इस वर्ष वे विद्यार्थी जो कविता, लेखन या रचनात्मक लेखन में रुचि रखते हैं, उनके लिए समय बहुत शुभ रहेगा। आपकी सोच और विचारों में रचनात्मकता की भरमार होगी और आप इसमें अच्छा प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, यह समय गूढ़ विद्याओं जैसे टैरो रीडिंग, वैदिक ज्योतिष आदि का अध्ययन करने के लिए भी बहुत अनुकूल रहेगा, भले ही पहले आपका मन इस दिशा में न रहा हो। एक ही सलाह है कि पढ़ाई के दौरान ध्यान भटकने से बचें और फोकस बनाए रखें क्योंकि छोटी मोटी लापरवाही आपकी शैक्षणिक सफलता को प्रभावित कर सकती है।
कुल मिलाकर यह साल कन्या राशि के विद्यार्थियों के लिए अच्छा रहेगा, लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि सफलता पाने के लिए उन्हें संघर्ष और मेहनत से गुजरना होगा।
कन्या वार्षिक राशिफल के अनुसार, यह वर्ष पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस वर्ष चौथे भाव पर डबल ट्रांजिट का प्रभाव रहेगा, जिसके कारण आपके व्यक्तिगत जीवन में कई बड़े और खास घटनाक्रम होने की संभावना है। इस वर्ष आप नया घर या वाहन खरीद सकते हैं। पूरे साल आपके जीवन में सुख और प्रसन्नता का निरंतर प्रवाह बना रहेगा।
साल के पहले भाग में आपको अपने निकट संबंधियों और परिवार से मजबूत सहयोग प्राप्त होगा। साथ ही, परिवार में नए सदस्य के आगमन के भी योग बन रहे हैं। यह समय अपने प्रियजनों के साथ खुशियां बांटने का और उनसे जुड़ाव महसूस करने का है। इस अवधि में आपको अपने परिवार और रिश्तों से जुड़ी कई रोचक और प्रेरणादायक परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। ये अनुभव आपको जीवन को नए और अनोखे दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और आपकी सोच में सकारात्मकता बढ़ाएंगे।
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कन्या वार्षिक राशिफल के अनुसार, पांचवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में होना इस बात का संकेत है कि यह समय प्रेम संबंध को विवाह में बदलने के लिए काफी अनुकूल रहेगा। लेकिन, आपके मामले में यह स्वामी शनि ग्रह है, जो परिश्रम, अनुशासन और संघर्ष के कारक माने जाते हैं। इसलिए आपके लिए यह राहु बिल्कुल आसान नहीं होगी। साल के दूसरे भाग में विवाह के योग अधिक प्रबल होंगे और यह समय आपके लिए विवाह के लिहाज से सबसे अनुकूल रहेगा।
हालांकि, आपके रोमांटिक जीवन में कई बार गलतफहमियों और संवादहीनता के कारण बाधाएं आ सकती हैं। इसका असर रिश्ते पर पड़ सकता है, इसलिए जरूरी है कि आप एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताएं और मतभेदों को गहराई से समझने की कोशिश करें। समय लग सकता है, लेकिन हालात धीरे-धीरे सामान्य हो जाएंगे।
ध्यान रखें कि गलतफहमियां अपने आप या बहस से कभी दूर नहीं होतीं। इसलिए आपको चाहिए कि आप इन मुद्दों का सीधे सामना करें और उनसे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें। रिश्ते को मजबूत और स्थिर बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करना आवश्यक होगा।
फिट रहने के लिए व्यायाम करना जरूरी है, लेकिन यह भी ध्यान रखें कि खुद को ज़्यादा थकाएं नहीं। अपने शरीर की बात सुनें और उसकी ज़रूरतों को समझें। शारीरिक तनाव और दबाव कम करने के लिए हल्की कसरत करें, संतुलित आहार लें और तैलीय भोजन व शराब जैसी चीज़ों से दूर बनाए रखें।
साथ ही, इस वर्ष आपको किसी भी तरह की जोखिम भरी परिस्थितियों से दूर रहने की सलाह दी जाता ही। सड़क पर यात्रा करते समय हमेशा यातायात नियमों का पालन करें। गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें, गति सीमा का पालन करें, सीट बेल्ट का उपयोग करें, रोडवेज से बचें और बाइक चलाते समय हेलमेट लगाना बिल्कुल भी न भूलें।
धूप-घास अर्पित करें और भगवान गणेश की पूजा करें।
प्रतिदिन गायों को हरा चारा खिलाएं।
5-6 कैरेट का पन्ना धारण करें। बुधवार को इसे सोने की अंगूठी या पंच धातु में जड़वाएं। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल दें और नियमित रूप से एक पत्ता खाएं।
बुध बीज मंत्र का जाप करें।
अपनी राशि अनुसार पढ़ें, सबसे सटीक अपना आज का राशिफल
हम आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। MyKundali के साथ जुड़े रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!
1. कन्या राशि का स्वामी ग्रह कौन सा है?
कन्या राशि पर बुध का आधिपत्य है।
2. कन्या राशि के जातकों को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए?
कन्या राशि के जातकों को बुधवार के दिन सोने की अंगूठी या पंचधातु में 5-6 कैरेट का पन्ना धारण करना चाहिए।
3. क्या 2026 कन्या राशि के जातकों के लिए आर्थिक रूप से अनुकूल है?
हाँ, बेहतर बचत, वेतन वृद्धि और निवेश से लाभ के साथ, खासकर जून और जुलाई में, वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।
4. कन्या राशि के जातकों को 2026 में स्वास्थ्य संबंधी क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
उन्हें पेट, लीवर या किडनी की समस्याओं से सावधान रहना चाहिए, नियमित जांच करवानी चाहिए, स्वस्थ भोजन करना चाहिए, अत्यधिक शराब से बचना चाहिए और सुरक्षित वाहन चलाना चाहिए।