विवाह मुहूर्त 2020 के अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे की साल 2020 में विवाह के लिये शुभ मुहूर्त कब हैं। आपकी सुविधा के लिये हम नीचे एक तालिका दे रहे हैं जिसमें विवाह मुहूर्त की सारी जानकारी दी गई है। आपको बता दें कि विवाह मुहूर्त की नीचे दी गई सूची वैदिक पंचांग की मदद से बनाई गयी है। यदि आपका विवाह 2020 में होना है तो आप आसानी से शुभ दिन और शुभ मुहूर्त चुन सकते हैं और उसके अनुसार अपने भविष्य की योजनाएं बना सकते हैं। विवाह को जीवन का एक अहम पड़ाव माना जाता है इसलिये विवाह के दौरान शुभ मुहूर्त के साथ-साथ तिथि, नक्षत्र, वार आदि के बारे में भी जानकारी होनी चाहिये इस बारे में भी आपको नीचे दी गई तालिका में बताया जा रहा है।
Read in English - Vivah Muhurat 2020
दिनांक | दिन | नक्षत्र | मास-तिथि |
15 जनवरी, 2020 | बुध | उ.फाल्गुन, | माघ कृष्ण पंचमी |
16 जनवरी, 2020 | गुरु | हस्त चित्रा | माघ कृष्ण षष्ठी |
17 जनवरी, 2020 | शुक्र |
चित्रा स्वाति |
माघ कृष्ण सप्तमी |
18 जनवरी, 2020 | शनि | स्वाति | माघ कृष्णनवमी |
19 जनवरी, 2020 | रवि | अनुराधा | माघ कृष्ण दशमी |
20 जनवरी, 2020 | सोम | अनुराधा | माघ कृष्ण एकादशी |
26 जनवरी, 2020 | रवि | धनिष्ठा | माघ शुक्ल द्वितीया |
29 जनवरी, 2020 | बुध | उ.भाद्रपद | माघ शुक्ल चतुर्थी |
30 जनवरी, 2020 | गुरु | उ.भाद्रपद रेवती | माघ शुक्ल पंचमी |
31 जनवरी, 2020 | शुक्र | रेवती अश्विनी | माघ शुक्ल षष्ठी |
1 फरवरी, 2020 | शनि | अश्विनी | माघ शुक्ल सप्तमी |
3 फरवरी, 2020 | सोम | रोहिणी | माघ शुक्ल नवमी |
4 फरवरी, 2020 | मंगल | रोहिणी | माघ शुक्ल दशमी |
9 फरवरी, 2020 | रवि | मघा | माघ पूर्णिमा |
10 फरवरी, 2020 | सोम | मघा | फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा |
11 फरवरी, 2020 | मंगल | उ.फाल्गुन | फाल्गुन कृष्ण तृतीया |
14 फरवरी, 2020 | शुक्र | स्वाति | फाल्गुन कृष्ण षष्ठी |
15 फरवरी, 2020 | शनि | अनुराधा | फाल्गुन कृष्ण सप्तमी |
16 फरवरी, 2020 | रवि | अनुराधा | फाल्गुन कृष्ण अष्टमी |
25 फरवरी, 2020 | मंगल | उ.भाद्रपद | फाल्गुन शुक्ल द्वितीया |
26 फरवरी, 2020 | बुध | उ.भाद्रपद रेवती | फाल्गुन शुक्ल तृतीया |
27 फरवरी, 2020 | गुरु | रेवती | फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी |
28 फरवरी, 2020 | शुक्र | अश्विनी | फाल्गुन शुक्ल पंचमी |
10 मार्च, 2020 | मंगल | हस्त | चैत्र कृष्ण प्रतिपदा |
11 मार्च, 2020 | बुध | हस्त | चैत्र कृष्ण द्वितीया |
16 अप्रैल, 2020 | गुरु | धनिष्ठा | वैशाख कृष्ण नवमी |
17 अप्रैल, 2020 | शुक्र | उ.भाद्रपद | वैशाख कृष्ण दशमी |
25 अप्रैल, 2020 | शनि | रोहिणी | वैशाख शुक्ल द्वितीया |
26 अप्रैल, 2020 | रवि | रोहिणी | वैशाख शुक्ल तृतीया |
1 मई, 2020 | शुक्र | मघा | वैशाख शुक्ल अष्टमी |
2 मई, 2020 | शनि | मघा | वैशाख शुक्ल नवमी |
4 मई, 2020 | सोम | उ.फाल्गुनी हस्त | वैशाख शुक्ल एकादशी |
5 मई, 2020 | मंगल | हस्त | वैशाख शुक्ल त्रयोदशी |
6 मई, 2020 | बुध |
चित्रा
|
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी |
15 मई, 2020 | शुक्र | धनिष्ठा | ज्येष्ठ कृष्ण अष्टमी |
17 मई, 2020 | रवि | उ.भाद्रपद | ज्येष्ठ कृष्ण दशमी |
18 मई, 2020 | सोम | उ.भाद्रपद रेवती | ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी |
19 मई, 2020 | मंगल | रेवती | ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी |
23 मई, 2020 | शनि | रोहिणी | ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा |
11 जून, 2020 | गुरु | धनिष्ठा | आषाढ़ कृष्ण षष्ठी |
15 जून, 2020 | सोम | रेवती | आषाढ़ कृष्ण दशमी |
17 जून, 2020 | बुध | अश्विनी | आषाढ़ कृष्ण एकादशी |
27 जून, 2020 | शनि | उ.फाल्गुनी | आषाढ़ शुक्ल सप्तमी |
29 जून, 2020 | सोम | चित्रा | आषाढ़ शुक्ल नवमी |
30 जून, 2020 | मंगल | चित्रा | आषाढ़ शुक्ल दशमी |
27 नवंबर, 2020 | शुक्र | अश्विनी | कार्तिक शुक्ल द्वादशी |
29 नवंबर, 2020 | रवि | रोहिणी | कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी |
30 नवंबर, 2020 | सोम | रोहिणी | कार्तिक पूर्णिमा |
1 दिसंबर, 2020 | मंगल | रोहिणी | मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा |
7 दिसंबर, 2020 | सोम | मघा | मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी |
9 दिसंबर, 2020 | बुध | हस्त | मार्गशीर्ष कृष्ण नवमी |
10 दिसंबर, 2020 | गुरु | चित्रा | मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी |
11 दिसंबर, 2020 | शुक्र | चित्रा | मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी |
विवाह मुहूर्त 2020 के माध्यम से आपको विवाह मुहूर्त के बारे में बताते हैं। हिंदू धर्म में विवाह को एक पवित्र बंधन के रुप में देखा जाता है। स्त्री- पुरुष विवाह के बाद दांपत्य जीवन में प्रवेश पाते हैं और उसके बाद समाज को गति देते हैं। इसलिये सामाजिक परिदृश्य में भी देखा जाए तो विवाह संस्कार किया जाना आवश्यक है। शादी केवल दो आत्माओं का ही नहीं बल्कि दो परिवारों का भी मिलन होता है इसलिये हमारे समाज में शादी को महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। विवाह के बंधन में बंधे स्त्री-पुरुष सुख पूर्वक जीवन बिताएं इसलिये इसे शुभ घड़ी, शुभ दिन और वार को संपन्न करवाया जाता है। ऊपर दी गई तालिका की मदद से आप जान सकते हैं कि साल 2020 में विवाह के लिये शुभ समय क्या है।
वर-वधु का वैवाहिक जीवन सुखपूर्वक चलता रहे इसलिये विवाह संस्कार से पूर्व भी कई ऐसे काम हैं जो किये जाते हैं। जैसा कि शादी से पूर्व ज्योतिषियों के द्वारा वर-वधु की कुंडली का मिलान किया जाता है और उसके बाद ही शादी का निर्णय लिया जाता है। इसके बाद ज्योतिष ही शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देता है और फिर विवाह संस्कार उसी शुभ मुहूर्त पर करवाया जाता है।
जैसा कि हम आपको विवाह मुहूर्त 2020 के माध्यम से पहले ही बता चुके हैं कि विवाह मुहूर्त की गणना करने से पहले वर और वधु की कुंडलियों का मिलान करवाया जाता है। यदि गुण मिल रहे हैं तो इसके बाद शुभ मुहूर्त के बारे में विचार किया जाता है। आपको जानकारी दे दें कि 36 गुणों में से यदि कम से कम 24 गुण मिल रहे हैं तभी शादी को शुभ माना जाता है। जब कुंडली मिलान का कार्य पूरा हो जाता है तो उसके बाद शुभ मुहूर्त, ग्रहों की दशा आदि के बारे में विचार किया जाता है। वर और वधु का जन्म जिस भी चंद्र नक्षत्र में हुआ है उस नक्षत्र के चरण में आने वाले अक्षर को विवाह की तिथि ज्ञात करने के लिये प्रयोग किया जाता है इसके साथ ही वर और कन्या की राशियों में विवाह के लिये एक समान तिथि को विवाह मुहूर्त के लिये चुना जाता है। इसके बाद उस शुभ दिन और वार पर ही वर-वधु को विवाह के बंधन में बांधा जाता है।
विवाह मुहूर्त 2020: विवाह मुहूर्त की गणना करते समय लग्न देखना बहुत जरुरी माना जाता है। विवाह के दौरान लग्न का अर्थ फेरे लेने के समय से और उससे पहले पूरे किये जाने वाली धार्मिक क्रियाओं से होता है। यदि लग्न निर्धारण में किसी भी प्रकार की गलती हो जाए तो यह अशुभ माना जाता है। विवाह के लग्न को निर्धारित करते समय आपको नीचे दी गई बातों का ध्यान अवश्य देना चाहिये।
विवाह मुहूर्त 2020 के इस भाग में आपको विभिन्न अशुभ काल के बारे में बताते हैं। हिंदू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा काल में विवाह संस्कार संपन्न करवाना शुभ नहीं माना जाता लेकिन आवश्यकता पड़ने पर कुछ शर्तों के साथ विवाह करवाया जा सकता है। भद्रा काल में विवाह संस्कार करवाने के लिये भूलोक की भद्रा और भद्रा मुख को त्यागकर भद्रा पुच्छ में विवाह करवाया जा सकता है। वहीं गोधुलि काल में विवाह हो सकता है। गोधुलि काल वह समय होता है जब सूर्य अस्त होने वाला हो। चतुर्मास के दौरान भी विवाह करना शुभ नहीं माना जाता ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान विष्णु चार महीनों की योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है हालांकि इस समय जप-तप और ईश्वर की अराधना करना शुभ माना जाता है।
विवाह मुहूर्त 2020 के माध्यम से अब आपको बताते हैं विवाह के लिए सुबह तिथि, वार और नक्षत्रों के बारे में। विवाह को हिंदू धर्म में पवित्र संस्कार माना जाता है। विवाह संस्कार को पूरे रीति रिवाज से पूरा किया जाता है। विवाह संस्कार के जरिये समाज में यह संदेश भी दिया जाता है कि विवाह कोई सौदेबाजी नहीं है बल्कि यह दो आत्माओं का मिलन है और इसलिये विवाह संस्कार को पूर्ण करने के लिये सारी धार्मिक परंपराओं को पूर्ण किया जाता है। विवाह के लिये शुभ मुहूर्त का होना आवश्यक होता है इसलिये पंचांग और वर-वधु की कुंडलियों का आकलन करके विवाह मुहूर्त निकाला जाता है। आइये अब हम आपको बताते हैं की साल 2020 में शुभ नक्षत्र, शुभ वार और शुभ तिथियां कब हैं।
साल 2020 में विवाह के लिये शुभ नक्षत्र स्वाति, अनुराधा, मूला, उत्तरा अषाढा, उत्तरा भाद्रपद रोहिणी, मृगशिरा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, रेवती और हस्त नक्षत्र शुभ हैं। वहीं सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार इस साल शादी के लिये शुभ वार हैं। शादी के लिये शुभ तिथियों की बात की जाए तो द्वितीया, तृतीया, सप्तमी, एकादशी और त्रियोदशी इस साल विवाह संस्कार को संपन्न करवाने के लिये शुभ तिथियां हैं।
हम आशा करते हैं कि विवाह मुहूर्त 2020पर आधारित हमारा ये लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा। माई कुंडली से जुड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद !