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नामकरण मुहूर्त 2020। Namkaran Muhurat 2020

नामकरण मुहूर्त 2020 के अपने इस लेख में आज हम आपको बताएंगे कि साल 2020 में नामकरण संस्कार करने के लिये शुभ मुहूर्त कब हैं। यह तो आप जानते ही हैं कि नाम ही आपकी पहचान होता है इसलिये मनुष्य, के साथ-साथ हर वस्तु और स्थान को भी नाम दिया जाता है। आपका नाम आपकी पहचान बने इसीलिये पहले तो नामकरण संस्कार करवाया जाना जरुरी है और दूसरा नामकरण संस्कार सही मुहूर्त पर करवाया जाये यह भी बहुत आवश्यक है। यदि नामकरण संस्कार सही समय पर करवाया जाए तो इंसान को जीवन में सफलताएं मिलती हैं। हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में नामकरण संस्कार भी बहुत अहम है, हालांकि इसके लिये सही नामकरण मुहूर्त के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिये। यदि आप साल 2020 में अपने बच्चे का नामकरण करना चाहते हैं तो सही मुहूर्त की जानकारी के लिये नीचे दी गई तालिका को देखें।

Read in English - Naming Ceremony 2020

नामकरण संस्कार मुहूर्त 2020

नामकरण संस्कार मुहूर्त 2020

नामकरण मुहूर्त 2020
दिनांक वार महूर्त की समयावधि
2 जनवरी, 2020 गुरु 07:14-31:14
3 जनवरी, 2020 शुक्र 07:14-23:28
5 जनवरी, 2020 रवि 07:14-12:27
8 जनवरी, 2020 बुध 07:15-27:46
12 जनवरी, 2020 रवि 07:15-11:49
15 जनवरी, 2020 बुध 07:15-31:15
16 जनवरी, 2020 गुरु 07:15-31:15
17 जनवरी, 2020 शुक्र 07:14-31:14
19 जनवरी, 2020 रवि 23:41-31:14
20 जनवरी, 2020 सोम 07:14-23:30
27 जनवरी, 2020 सोम 07:12-32:23
29 जनवरी, 2020 बुध 12:13-31:11
30 जनवरी, 2020 गुरु 07:10-31:10
31 जनवरी, 2020 शुक्र 07:10-31:10
5 फरवरी, 2020 बुध 07:07-25:59
13 फरवरी, 2020 गुरु 07:01-31:01
14 फरवरी, 2020 शुक्र 07:00-31:00
16 फरवरी, 2020 रवि 06:59-15:15
20 फरवरी, 2020 गुरु 07:28-30:55
21 फरवरी, 2020 शुक्र 06:54-17:22
24 फरवरी, 2020 सोम 06:51-16:21
26 फरवरी, 2020 बुध 06:49-28:13
28 फरवरी, 2020 शुक्र 06:47-28:03
02 मार्च, 2020 सोम 06:44 - 30:44
06 मार्च, 2020 शुक्र 06:43 - 12:10
09 मार्च, 2020 सोम 20:54 - 30:40
11 मार्च, 2020 बुध 06:39 - 30:39
12 मार्च, 2020 गुरु 06:33 - 30:33
13 मार्च, 2020 शुक्र 06:32 - 27:22
15 मार्च, 2020 रवि 06:29 - 24:11
18 मार्च, 2020 बुध 16:17 - 30:25
19 मार्च, 2020 गुरु 06:24- 30:24
20 मार्च, 2020 शुक्र 06:23- 30:23
25 मार्च, 2020 बुध 07:03 - 30:20
26 मार्च, 2020 गुरु 06:13 - 18:47
29 मार्च, 2020 रवि 15:18-30:14
30 मार्च, 2020 सोम 06:13-30:13
3 अप्रैल, 2020 शुक्र 06:08-18:41
8 अप्रैल, 2020 बुध 06:02-30:02
9 अप्रैल, 2020 गुरु 06:01-24:15
15 अप्रैल, 2020 बुध 05:55-16:53
16 अप्रैल, 2020 गुरु 18:13-23:06
17 अप्रैल, 2020 शुक्र 25:36-29:53
20 अप्रैल, 2020 सोम 07:23-27:14
23 अप्रैल, 2020 गुरु 07:57-16:05
26 अप्रैल, 2020 रवि 05:44-13:24
27 अप्रैल, 2020 सोम 14:31-24:30
30अप्रैल, 2020 गुरु 05:40-25:53
03 मई, 2020 रवि 21:43-29:38
04 मई, 2020 सोम 05:37-29:37
06 मई, 2020 बुध 19:46-29:36
07 मई, 2020 गुरु 05:35-11:08
08 मई, 2020 शुक्र 08:38-29:34
13 मई, 2020 बुध 05:31-29:31
17 मई, 2020 रवि 13:58- 29:29
18 मई, 2020 सोम 05:28-29:28
20 मई, 2020 बुध 05:27-19:44
24 मई, 2020 रवि 05:25-29:25
27 मई, 2020 बुध 07:28-29:24
31 मई, 2020 रवि 17:38-29:23
01 जून, 2020 सोम 05:23-29:23
03 जून, 2020 बुध 05:23-20:43
05 जून, 2020 शुक्र 05:22-16:44
08 जून, 2020 सोम 13:45-19:58
10 जून, 2020 बुध 05:22-14:57
11 जून, 2020 गुरु 16:35-29:22
12 जून, 2020 शुक्र 05:22-18:48
15 जून, 2020 सोम 05:22-29:22
24 जून, 2020 बुध 05:24-10:16
28 जून, 2020 रवि 05:25-24:37
02 जुलाई, 2020 गुरु 05:27-25-14
05 जुलाई, 2020 रवि 23:02-29:28
06 जुलाई, 2020 सोम 05:29-29:29
09 जुलाई, 2020 गुरु 10:13-27:09
12 जुलाई, 2020 रवि 05:31-29:31
13 जुलाई, 2020 सोम 05:32-18:11
16 जुलाई, 2020 गुरु 18:53-29:33
17 जुलाई, 2020 शुक्र 05:34-29:34
24 जुलाई, 2020 शुक्र 16:02-29:38
26 जुलाई, 2020 रवि 05:39-29:39
27 जुलाई, 2020 सोम 05:39-29:39
29 जुलाई, 2020 बुध 08:33-29:41
03 अगस्त, 2020 सोम 05:43-29:43
05 अगस्त, 2020 बुध 09:30-29:45
06 अगस्त, 2020 गुरु 05:45-11:18
09 अगस्त, 2020 रवि 05:47-29:47
10 अगस्त, 2020 सोम 05:47-22:06
13 अगस्त, 2020 गुरु 13:00-29:49
14 अगस्त, 2020 शुक्र 05:49-29:49
17 अगस्त, 2020 सोम 06:44-12:36
20 अगस्त, 2020 गुरु 23:50-29:53
21 अगस्त, 2020 शुक्र 05:53-23:04
23 अगस्त, 2020 रवि 05:54-29:54
24 अगस्त, 2020 सोम 05:55-15:20
26 अगस्त, 2020 बुध 05:56-10-41
30 अगस्त, 2020 रवि 05:58-29:58
02 सितंबर, 2020 बुध 05:59-18:33
03 सितंबर, 2020 गुरु 20:51-30:00
04 सितंबर, 2020 शुक्र 06:00-30:00
06 सितंबर, 2020 रवि 19:09-29:24
09 सितंबर, 2020 बुध 11:15-30:03
10 सितंबर, 2020 गुरु 06:03-27:37
13 सितंबर, 2020 रवि 16:33-30:05
14 सितंबर, 2020 सोम 06:05-15:52
19 अक्टूबर, 2020 सोम 06:24-14:10
22 अक्टूबर, 2020 गुरु 24:58-30:26
23 अक्टूबर, 2020 शुक्र 06:27-30:27
26 अक्टूबर, 2020 सोम 06:29-30:29
28 अक्टूबर, 2020 बुध 09:11-30:30
29 अक्टूबर, 2020 गुरु 06:31-15-17
30 अक्टूबर, 2020 शुक्र 17:47-30:32
02 नवंबर, 2020 सोम 23:50-30:34
11 नवंबर, 2020 बुध 06:40-30:40
12 नवंबर, 2020 गुरु 06:41-30:41
13 नवंबर, 2020 शुक्र 06:42-18:01
15 नवंबर, 2020 रवि 17:16-30:44
16 नवंबर, 2020 सोम 06:44-14:37
19 नवंबर, 2020 गुरु 09:38-30:47
20 नवंबर, 2020 शुक्र 06:48-30:48
22 नवंबर, 2020 रवि 11:09-22:53
25 नवंबर, 2020 बुध 06:52-30:52
26 नवंबर, 2020 गुरु 06:52-30:52
27 नवंबर, 2020 शुक्र 06:53-24:22
30 नवंबर, 2020 सोम 06:56-30:56
04 दिसंबर, 2020 शुक्र 20:05-30:59
09 दिसंबर, 2020 बुध 15-19-31:02
10 दिसंबर, 2020 गुरु 07:03-31:03
11 दिसंबर, 2020 शुक्र 07:03-31:03
16 दिसंबर, 2020 बुध 20:04-31:07
17 दिसंबर, 2020 गुरु 07:07-15:19
18 दिसंबर, 2020 शुक्र 14:24-19:04
20 दिसंबर, 2020 रवि 07:09-21:01
21 दिसंबर, 2020 सोम 23:03-31:09
23 दिसंबर, 2020 बुध 20:41-31:10
24 दिसंबर, 2020 गुरु 07:11-31:11
27 दिसंबर, 2020 रवि 13:19-30:22
31 दिसंबर, 2020 गुरु 19:48-31:13

नामकरण मुहूर्त 2020: क्यों है नामकरण संस्कार की आवश्यकता ?

नामकरण मुहूर्त 2020 के माध्यम से अब आपको बताते हैं नामकरण संस्कार की आवश्यकता के बारे में। भारत के कई महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है नामकरण संस्कार। इस संस्कार को लगभग हर हिंदू परिवार में किया जाता है। आधुनिक दौर में कई ऐसे संस्कार भी हैं जिन्हें लोग अब नहीं करते लेकिन। नामकरण संस्कार अभी भी प्रासंगिक बना हुआ है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब शिशु का जन्म होता है तो उसके शरीर में कई रोगों का वास होता है लेकिन नामकरण संस्कार करने के बाद यह रोग खत्म हो जाते हैं और बच्चे को कष्टों का सामना नहीं करना पड़ता। नामकरण वाले दिन माता-पिता ईश्वर से यह कामना करते हैं कि उनके बच्चे को किसी भी तरह के कष्टों का सामना न करना पड़े। आजकल हम देखते हैं कि माता-पिता व्यस्त दिनचर्या के कारण बिना मुहुर्त देखे ही बच्चों का नामकरण कर देते हैं। ऐसा करना बिल्कुल भी सही नहीं है इससे बच्चे को भविष्य में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषीय विशेषज्ञों के अनुसार बच्चे का नाम राशि के अनुसार रखने से उस पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता और इससे नवग्रह भी शांत रहते हैं। इसके साथ ही यदि बच्चे का नाम सही मुहूर्त पर रखा जाता है तो उसके नाम को भविष्य में ख्याति प्राप्त होती है।

नामकरण संस्कार मुहूर्त 2020: कैसे करें सही मुहूर्त की गणना

पुराने समय में बच्चे का नामकरण करने के लिये किसी ज्योतिष से परामर्श लिया जाता था। यह प्रथा आज भी चल रही है, हालांकि आज के दौर में कई ऐसे साधन आ गए हैं जिनकी मदद से आप बिना ज्यातिष के पास जाए भी नामकरण संस्कार मुहूर्त की गणना कर सकते हैं। आजकल इंटरनेट की मदद से किसी ज्योतिषीय वेबसाइट पर बच्चे के जन्म का विवरण भरके आप सही मुहूर्त का आकलन कर सकते हैं। हालांकि नामकरण मुहूर्त 2020 का ये लेख आपको यही सलाह देता है कि आप किसी योग्य ज्योतिष के पास जाकर ही अपने बच्चे की जन्मकुंडली दिखाएं और नामकरण संस्कार के लिये सही समय का चुनाव करें।

इसके अलावा नामकरण संस्कार के शुभ मुहूर्त से जुड़ी कुछ जानकारियां हैं जिनके बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिये। शास्त्रों के अनुसार बच्चे के जन्म के ग्यारहवें या बारहवें दिन बच्चे का नामकरण किया जाना चाहिये। मान्यता है कि जन्म के 11 वें या 12 वें दिन यदि बच्चे का नामकरण संस्कार करा दिया जाये तो बच्चे का जीवन सुखद बीतता है। नामकरण संस्कार के लिये चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तिथियां शुभ मानी जाती हैं। इन तिथियों की जानकारी आप पंचांग से ले सकते हैं। अगर शुभ नक्षत्रों की बात की जाए तो मृगशिरा, रोहिणी, पुष्य, रेवती, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, श्रवण, शतभिषा और अश्विनी नक्षत्र नामकरण संस्कार के लिये अनुकूल माने जाते हैं। पंडितों के द्वारा नामकरण संस्कार के समय बच्चे के दो नाम रखे जाते हैं इन नामों में एक प्रचलित नाम होता है और एक नाम को गौण रखा जाता है। बच्चे का एक गुप्त नाम रखने के पीछे भी वजह है, ऐसा माना जाता है कि गुप्त नाम रखने से कोई भी बच्चे पर किसी भी तरह का जादू-टोना या तांत्रिक क्रियाएं नहीं कर सकता। नामकरण के दौरान पहले पंडित के द्वारा ही नाम रखा जाता था लेकिन अब माता-पिता अपने हिसाब से बच्चे का नाम रख देते हैं। हम आपको यह सलाह देते हैं कि बच्चे का नाम भले ही अपने हिसाब से रखें लेकिन उससे पहले ज्योतिष से इस बारे में सलाह कर लें कि यह नाम बच्चे के लिये शुभ रहेगा या नहीं।

नामकरण मुहूर्त 2020: गंडमूल दोष पर विचार

नामकरष संस्कार करने से पहले गंडमूल दोष का विचार अवश्य किया जाना चाहिये। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्रों की सूची में रखा जाता है । गण्डमूल दोष इन्हीं नक्षत्रों के कारणवश लगता है। जो नक्षत्र गंडमूल की श्रेणी में आते हैं उनका प्रभाव क्षेत्र बहुत संवेदनशील माना जाता है। राशि और नक्षत्र दोनों ही चक्रों में गंडमूल नक्षत्रों की संधि होती है। यह नक्षत्र केतु और बुध के होते हैं। जब केतु के नक्षत्र समाप्त होते हैं और बुध के नक्षत्र शुरु होते हैं तो ऐसी परिस्थिति में यह नक्षत्र गंडमूल कहे जाते हैं। यही वजह है कि जब भी किसी बच्चे का नामकरण होता है उस समय गंडमूल नक्षत्रों पर विचार किया जाता है।

नामकरण मुहूर्त 2020: नामकरण संस्कार के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • नामकरण संस्कार को सही मुहूर्त पर किसी पवित्र स्थान पर करवाया जाना चाहिये। इसके लिये आप किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर जा सकते हैं। यदि आप नामकरण संस्कार घर पर ही करवाना चाहते हैं तो घर की अच्छे से सफाई करें और नामकरण संस्कार शुरु होने से पहले घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • सही मुहूर्त पर ही नामकरण संस्कार किया जाये इस बात का विशेष ध्यान रखें। अगर गलत मुहूर्त पर संस्कार किया गया तो बच्चे पर इसके नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।
  • बच्चे के माता-पिता को इस दिन स्नान अवश्य करना चाहिये। इसके साथ ही बच्चे के पिता इस दिन दाढ़ी बाल न कटवाएं।
  • इस दिन घर के किसी भी सदस्य को तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिये। मदिरापान करने से भी इस दिन बचें।
  • इस दिन जरुरतमंदों की सहायता करें और गाय को रोटी खिलाएं।
  • नामकरण संस्कार पूरा होने के बाद घर के बड़े-बुजुर्गों द्वारा बच्चे को आशीर्वाद दिया जाना चाहिये।

नामकरण संस्कार एक धार्मिक आयोजन है, इसलिये इस दिन यदि घर हवन करवाया जाये और शाम के समय कीर्तन करवाए जाएं तो घर में सकारात्मकता का वास होता है। इससे बच्चे पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं और घर में आने वाले लोगों द्वारा उसे आशीर्वाद दिया जाता है।