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गुरु गोचर 2018

गुरु गोचर 2018

बृहस्पति ग्रह को देव गुरु देव गुरु कहा जाता है। इसे सभी ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि गुरु की कृपा से कुंडली में कई दोषों का प्रभाव कम होता है। मनुष्य जीवन में इस ग्रह का बड़ा महत्व है क्योंकि इस ग्रह को प्रोफ़ेशन, विवाह एवं संतान आदि का कारक माना जाता है। यदि कुंडली में गुरु अशुभ भाव में स्थित हो तब भी गुरु गोचर के सम जातक को शुभ परिणामों की प्राप्ति हो सकती है।

बृहस्पति ग्रह 11 अक्टूबर 2018 को लगभग 20ः39 बजे वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। वृश्चिक जल तत्व की राशि है और क्रूर मंगल ग्रह इसका स्वामी है। गुरु और मंगल दोनों मित्र ग्रह हैं। गुरु गोचर 2018 का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। आइए इस राशिफल के माध्यम से जानते हैं गुरु के गोचर का प्रभाव। यह राशिफल ज्योतिषी अमृता तिवारी के द्वारा तैयार किया गया है।

मेष

गुरु गोचर 2018 आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। मेष राशि में गुरु नवम एवं द्वादश भाव का स्वामी होता है और यह अपनी स्थिति से द्वादश, द्वितीय एवं चतुर्थ भाव को देखता है। गोचर के दौरान आप रहस्यमी ज्ञान को प्राप्त करने के लिए उत्सुक हो सकते हैं। यह उच्च शिक्षा के चुनाव के लिए बहुत ही उत्तम समय रहेगा। इस अवधि में आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। विदेश यात्रा भी संभव है। किसी क़ानूनी मामले में आप फंस सकते हैं इसलिए ग़ैर क़ानूनी कार्यों दूर रहें। यदि कोई क़ानूनी केस चल रहा है तो उस मामले में आप बरी हो सकते हैं। आपका बैंक बैलेंस बढ़ेगा। नौकरी में अचानक पदोन्नति के योग हैं। आपका ट्रांसफर भी संभव है। गुरु की कृपा से आप इस अवधि में नया वाहन अथवा अपने सपनों का घर ख़रीद सकते हैं। माता जी को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। अपनी सेहत का ख़्याल रखें, इस समय आपको अपच की समस्या हो सकती है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने के लिए योग व ध्यान करें।

उपाय: मंगलवार का व्रत रखें।

वृषभ

बृहस्पति गोचर 2018 में गुरु आपकी राशि से सप्तम भाव में संचरण करेगा। वृषभ राशि में बृहस्पति अष्टम और एकादश भाव का कारक होता है और यह सातवें घर से तीसरे और ग्यारहवें घर पर नज़र रखता है। यह गुरु गोचर आपके लिए शुभ होगा। इस दौरान आप सकारात्मक भाव के साथ आगे बढ़ेंगे और इसके प्रभाव से आपको अच्छे परिणाम भी मिलेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस समय आपकी आमदनी बढ़ेगी। छोटे भाई-बहनों को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। वहीं विवाहित जातकों के लिए यह गोचर शुभ रहने के संकेत दे रहा है। जीवनसाथी को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त हो सकता है। इस समय आपके साहस में वृद्धि होगी। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। विवाह योग्य जातक अपने जीवनसाथी के साथ परिणय सूत्र में बंध सकते हैं। क़ारोबार की शुरुआत के लिए यह गोचर शुभ योग बना रहा है।

उपाय: नहाने के पानी में थोडा़ हल्दी मिलाएं।

मिथुन

इस गोचर में गुरु आपकी राशि से षष्ठम भाव में संचरण करेगा। मिथुन राशि में गुरु सातवें एवं दसवें घर का स्वामी होता है और यह अपनी स्थिति से दसवें बारहवें और दूसरे भाव को देखता है। गोचर की अवधि में आपको नौकरी के कई अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इस समय पदोन्नति के भी योग बन रहे हैं। क़ानूनी मामले सुलझेंगे। दान-पुण्य करने में आपका मन लगेगा। आध्यात्म की ओर आपकी रुचि बढ़ सकती है। आपके विरोधी आपकी योजनाओं से प्रभावित होंगे। आपकी प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट में वृद्धि होगी। हालांकि इस दौरान आपके ख़र्चे भी बढ़ सकते हैं। संतान को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त हो सकता है। संतान प्राप्ति के योग हैं। आप विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं।

उपाय: गुरु के वैदिक मंत्र का जाप करें।

कर्क

गुरु आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करेगा। कर्क राशि में गुरु छठे और नौवें भाव का स्वामी होता है और गुरु अपनी अवस्था से नवम और एकादश भाव पर दृष्टि रखता है। गोचर के दौरान संतान संबंधी मामलों में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आप छात्र हैं तो पढ़ाई में आपके लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण होगा। यदि आप किसी चीज़ की तलाश में हैं तो आपको इसमें सफलता मिलेगी। कई मामलों में आपको भाग्य का साथ मिलेगा। आपकी आय में बढ़ोतरी होगी और आमदनी के नए स्रोतों का निर्माण होगा। गुरु की कृपा से आपके मन में सकारात्मक विचार आएंगे। आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। यह यात्रा आपकी धार्मिक भी हो सकती है। इस गोचर में आपके बड़े भाई-बहनों और पिताजी को अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे।

उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें।

सिंह

गुरु आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर करेगा। सिंह राशि के लिए गुरु उसके पाँचवें और आठवें भाव का स्वामी होता है और यह अपनी अवस्था से आठवें, दसवें और बारहवें भाव को देखता है। इस गोचर में आपको सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। गुरु की बारहवें भाव पर दृष्टि आपके लिए शुभ नहीं है। इस अंतर्दशा का प्रभाव आपकी सेहत पर पड़ सकता है। इस समय आपका स्वास्थ्य कमज़ोर हो सकता है इसलिए अपनी सेहत का ध्यान रखें। आप किसी तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं। माता जी की सेहत में सुधार होगा और उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। आप कोई वाहन, घर अथवा अन्य प्रकार की प्रॉपर्टी ख़रीद सकते हैं। करियर में आपको अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी के लिए नए ऑफर आ सकते हैं। नौकरी में पदोन्नति भी संभव है। आप किसी विषय का गहन अध्ययन कर सकते हैं। जो छात्र पीएचडी कर रहे हैं उनकी थिसिस के लिए उत्तम समय रहेगा। क़ानूनी विवाद सुलझेंगे। गोचर की अवधि में आप विदेश यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय: आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।

कन्या

गुरु आपकी राशि से तृतीय भाव में गोचर करेगा। कन्या राशि के लिए गुरु उसके चौथे और सातवें भाव का स्वामी होता है और गुरु तीसरे भाव से ग्यारहवें, नौवें और सातवें भाव पर दृष्टि रखता है। इस गोचर के दौरान आपका आत्मविश्वास और साहस बढ़ेगा। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे। भाग्य भी आपका साथ देगा। विवाह योग्य जातक परिणय सूत्र में बंध सकते हैं। यदि आप विवाहित हैं तो आपको दाम्पत्य जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। क़ारोबार से संबंध रखने वाले जातकों को मुनाफ़ा होगा। नए व्यापार की शुरुआत के लिए भी समय बहुत ही उत्तम रहेगा। आपके बड़े भाई-बहनों को अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आप किसी लंबी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय: माथे पर केसर का तिलक लगाएं।

तुला

बृहस्पति ग्रह आपकी राशि से दूसरे भाव में प्रवेश करेगा। तुला राशि के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी होता है और यह अपनी स्थिति से दसवें, आठवें और छठे भाव को देखता है। यह गोचर आपकी संपत्ति में वृद्धि करने में मदद करेगा। आप कोई नई प्रॉपर्टी ख़रीद सकते हैं। पैतृक संपत्ति मिलने की प्रबल संभावना है। कार्यक्षेत्र में आपको सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। आप किसी विषय का गहन अध्ययन कर सकते हैं। आर्थिक मोर्चे पर आपको सफलता मिलेगी। इससे आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले जातकों को सफलता मिलेगी। तुला राशि के जातकों के प्रोफेशन के लिए यह बहुत ही सुनहरा अवसर हो सकता है। आप किसी तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं।

उपाय: मंगलवार के दिन चना एवं गुड़ बाँटें।

वृश्चिक

गुरु आपकी राशि में गोचर करेगा और यह आपके प्रथम भाव में स्थित होगा। आपकी कुंडली में गुरु की यह स्थिति गजकेसरी योग का निर्माण करेगी। वृश्चिक राशि के लिए गुरु उसके दूसरे और पाँचवें भाव का स्वामी होता है और यह प्रथम भाव से पाँचवें, सातवें और नौवें भाव पर दृष्टि रखता है। गुरु की यह स्थिति आपके लिए अनुकूल होगी। इस समय आप सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज रहेंगे और आप ख़ुद को अधिक शक्तिशाली महसूस करेंगे। आपका आत्मविश्वास मजबूत होगा। यदि आप छात्र हैं तो पढाई में आपको सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग हैं। अविवाहित जातक परिणय सूत्र में बंध सकते हैं। क़ारोबार में मुनाफ़ा होगा। संतान संबंधी मामले में किसी प्रकार की ख़ुशख़बरी प्राप्त हो सकती है। आपको भाग्य का साथ मिलेगा। लंबी दूरी की यात्रा पर जाने के योग हैं। गोचर की अवधि में पिताजी, जीवनसाथी और संतान को किसी प्रकार का लाभ प्राप्त होगा।

उपाय: गुरुवार के दिन पीत भोज्य पदार्थों को ग्रहण करें।

धनु

गुरु आपकी राशि से द्वादश भाव में जाएगा। धनु राशि में गुरु चौथे भाव का स्वामी होता है और यह अपनी अवस्था से आठवें, छठे और चौथे भाव को देखता है। इस गोचर से आप बहुत ज्यादा लाभान्वित नहीं होंगे। हालांकि आपको इसमें मिलेजुले परिणाम ज़रुर मिलेंगे। गुरु की बाहरवें भाव से आठवें और छठे भाव पर नज़र शत्रुओं को घुटने टेकने पर मजबूर करेगी। आपके ख़र्च में वृद्धि हो सकती है। धन हानि होने की भी संभावना है। किसी विवाद में न पड़ें अन्यथा आपको क़ानूनी मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है। आप किसी विषय पर गहन अध्ययन कर सकते हैं। गूढ़ विज्ञान पर आपकी विशेष रुचि हो सकती है। करियर में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। नौकरी में नए अवसर प्राप्त होंगे। आध्यात्म की ओर आपका झुकाव बढ़ेगा। आप किसी तीर्थ यात्रा पर भी जा सकते हैं। विदेशगमन के भी योग हैं। माता जी को गोचर के दौरान किसी तरह का लाभ प्राप्त हो सकता है। आप कोई नई प्रॉपर्टी भी ख़रीद सकते हैं।

उपाय: गुरुवार को बूंदी अथवा लड्डू का प्रसाद बांटें।

मकर

गुरु आपकी राशि से एकादश भाव में गोचर करेगा। यह गोचर आपके लिए शुभ होगा और आपको इस दौरान अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। मकर राशि के लिए गुरु उसके तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी होता है। इस दौरान एकादश भाव से गुरु सातवें, पाँचवें और तीसरे भाव को देखता है। गुरु की यह स्थिति आपके लिए धन योग का निर्माण करेगी। आपकी आमदनी में वृद्धि होगी। बड़े भाई-बहनों को किसी प्रकार का लाभ होगा। इस अवधि में संतान और जीवनसाथी को अनुकूल परिणाम मिलेंगे। यदि आप एक क़ारोबारी हैं तो आपके व्यापार में विस्तार होगा। विवाह योग्य जातकों का विवाह संभव है। वहीं जिन दंपतियों को संतान पाने की इच्छा है उन्हें इसमें शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। प्रेम संबंधों के लिए यह समय उत्तम रहने के संकेत दे रहा है। गोचर के दौरान बच्चों, छोटे भाई-बहनों और लाइफ़ पार्टनर को किसी तरह का लाभ प्राप्त होगा।

उपाय: गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करें।

कुंभ

गुरु आपकी राशि से दशम भाव में गोचर करेगा और इस भाव से यह आपके छठे, चौथे और दूसरे भाव को देखेगा। कुंभ राशि में गुरु उसके दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी होता है। गोचर आपके लिए अनुकूल रहेगा। इस दौरान जॉब में आपको नए-नए अवसर प्राप्त होंगे। नई नौकरी मिलने की संभावना रहेगी। जॉब में प्रमोशन हो सकता है। इस अवधि में आपके पास धन का आगमन होगा। आप धन को संचय करने में भी सफल रहेंगे। पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना है। पिताजी को किसी प्रकार की उपलब्धि प्राप्त हो सकती है। यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें आपको सफलता मिलेगी। आप शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे।

उपाय: अपने दाहिने बाजू में पीला धागा बाँधें।

मीन

गुरु आपकी राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। गुरु का यह गोचर आपके लिए बहुत ही शुभ रहेगा क्योंकि नवम भाव भाग्य का कारक होता है। इस दौरान आपको बहुत ही अच्छे परिणाम मिलेंगे। मीन राशि में गुरु इस भाव से पाँचवें और तीसरे भाव पर दृष्टि रखेगा। इस दौरान आपके भाग्य का बंद ताला खुलेगा। आप बड़ी सहजता के साथ अपने कार्य को पूरा करेंगे। संतान से संबंधित आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। बच्चों और छोटे भाई-बहनों के लिए यह अनुकूल समय रहेगा। पिता जी को किसी तरह का लाभ प्राप्त हो सकता है।

उपाय: माथे पर केसर का तिलक लगाएँ।